The Shocking Truth of Education Mafia: जब मोनाड यूनिवर्सिटी बनी फर्जी डिग्री का धंधा और बच्चों के सपनों का सौदा


मोनाड यूनिवर्सिटी का खुलासा – जब शिक्षा बन गई धंधा (Education turned into a scam)

हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में हाल ही में जो हुआ, उसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। 17 मई 2025 की शाम को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और पुलिस की टीम ने अचानक इस यूनिवर्सिटी पर छापा मारा। टीम ने यूनिवर्सिटी से लैपटॉप, हार्ड डिस्क, दस्तावेज़ और कई तकनीकी उपकरण जब्त किए। जांच के दौरान पता चला कि यहां बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बनाई जा रही थीं। मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ, पीएचडी – हर तरह की डिग्री यहां पैसों के बदले बेची जा रही थी। यानी पढ़ाई नहीं, सिर्फ पैसा चाहिए था, और डिग्री मिल जाती थी।


डिग्री ऑन डिमांड – बस पैसे दो और डिग्री लो (Pay and get a degree)

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी में हर डिग्री की अपनी अलग कीमत तय थी। कोई एलएलबी लेना चाहता था तो उसका रेट अलग, किसी को बीटेक चाहिए तो उसका रेट कुछ और। मेडिकल और पीएचडी के लिए तो लाखों रुपये लिए जा रहे थे। जांच में करीब 1500 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बरामद की गईं। ये कोई छोटी मोटी गलती नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ था। सोचिए, बिना पढ़े अगर कोई डॉक्टर या इंजीनियर बन जाए तो समाज का क्या होगा?


चेयरमैन का काला सच – नेता, इनामी अपराधी और अब यूनिवर्सिटी मालिक (From criminal to education mafia)

सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इस पूरे रैकेट को चलाने वाला कोई बाहरी नहीं, बल्कि खुद यूनिवर्सिटी का चेयरमैन था – विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र हुड्डा। पहले यह यूपी पुलिस का 5 लाख का इनामी अपराधी रह चुका है। बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रहा, फिर राजनीति में आया और 2024 में बसपा से चुनाव भी लड़ा। हारने के बाद अपनी खुद की पार्टी “लोकदल” बनाई और अब शिक्षा के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी कर रहा था। एक ऐसा व्यक्ति जिसने खुद कभी ईमानदारी से कुछ हासिल नहीं किया, वही अब यूनिवर्सिटी चला रहा था।


फ्यूचर पर सवाल – क्या ऐसे सिस्टम में कोई छात्र सुरक्षित है? (Are students safe in such a system?)

इस घटना से कई अहम सवाल खड़े होते हैं। अगर यूनिवर्सिटी जैसी जगह भी फर्जीवाड़े में लिप्त होंगी तो बच्चों का भविष्य कौन बचाएगा? लाखों छात्र मेहनत करते हैं, पढ़ते हैं, परीक्षाएं पास करते हैं, लेकिन कोई व्यक्ति सिर्फ पैसे देकर डिग्री हासिल कर ले, तो असली मेहनत करने वाले बच्चों के साथ कितना बड़ा अन्याय है। ये सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि देश के भविष्य के साथ धोखा है। ऐसी घटनाएं पूरे शिक्षा तंत्र की साख पर सवाल खड़े कर देती हैं।


अब आगे क्या? – जांच जारी है, उम्मीद है सख्त कार्रवाई होगी (What next? Hope for strict action)

एसटीएफ ने चेयरमैन सहित कुल 9 लोगों को हिरासत में लिया है। सारे दस्तावेज और सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं। अधिकारी कह रहे हैं कि इस केस में गहराई से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन जनता के मन में एक डर जरूर है – क्या वाकई ऐसे लोग सजा पाएंगे या फिर राजनीतिक पकड़ और पैसे के दम पर बच जाएंगे? अब समय आ गया है कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे फर्जी संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखे और दोषियों को सख्त सजा दिलाए, ताकि भविष्य में कोई यूनिवर्सिटी बच्चों की उम्मीदों से यूं खिलवाड़ न कर सके।

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